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लेखनी कहानी -01-Jun-2022 डायरी जून 2022

कट्टर ईमानदार प्रमाण पत्र 


सखि, 
आजकल ईमानदारी का प्रमाण पत्र बंट रहा है । सच कहूं तो यह प्रमाण पत्र वर्ष 2012 से बंट रहा है । पहले उसका स्वरूप दूसरा था ।  तब यह "भ्रष्टाचार प्रमाण पत्र" हुआ करता था । तब ये प्रमाण पत्र थोक के भाव बांटे गए थे । 

अब ये मुझसे मत पूछना सखि कि इन प्रमाण पत्रों को कौन जारी कर रहा है ? इस धरती पर एक ही तो इंसान है जो स्वयंभू ईमानदार है । अरे रे रे , मैं गलत कह गया । ईमानदार नहीं , कट्टर ईमानदार है । वह ईमानदार,  उसकी पार्टी ईमानदार,  उसके नेता ईमानदार और वह जिसको ईमानदारी का प्रमाण पत्र जारी कर दे वह भी ईमानदार । बाकी सब बेईमान  । 

तो एक बात बताओ सखि, ये न्यायालय क्यों खोल रखे हैं इतने सारे ? क्या जरूरत है इनकी ? और न्यायालय ने अगर किसी को बेईमान घोषित कर दिया तो ? है ना बड़ी हास्यास्पद बात ? न्यायालयों का क्या है ? उनसे भूल चूक हो सकती है मगर " कट्टर ईमानदार गिरगिट लाल" जी के पास एक ऐसा यंत्र है जिससे वे किसी भी आदमी की सात पुश्तों का हिसाब चैक कर लेते हैं । फिर उसके बाद "गिरगिट लाल" अपनी कंपनी का "ईमानदारी प्रमाण पत्र" जारी करते हैं । एक बार जिसको यह प्रमाण पत्र मिल जाता है उसके बाद तो सुप्रीम कोर्ट को भी उसे भ्रष्ट बताने का अधिकार नहीं है । यह प्रमाण पत्र ऐसा है कि आग इसे जला नहीं सकता , पानी इसे गला नहीं सकता , हवा इसे उड़ा नहीं सकती । दुनिया की कोई भी ताकत इस प्रमाण पत्र का बाल भी बांका नहीं कर सकती है । 

यूं तो गिरगिट लाल ने बहुतों को ये प्रमाण पत्र बांटे हैं । जीतेन्द्र तोमर भी गिरगिट लाल की पार्टी के एक ऐसे ही विधायक हैं जिन्होंने फर्जी डिग्री हासिलकी थी । जीतेन्द्र तोमर के सारे दस्तावेजों को गिरगिट लाल ने अपने "ईमानदारी जांच यंत्र" में डाल दिया । यंत्र ने पूरी स्कैनिंग करने के बाद जीतेन्द्र तोमर को "कट्टर ईमानदार" होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर दिया जो आज भी मान्य है । मगर ये न्यायालय भी न जाने कैसे कैसे हैं जिन्होंने कट्टर ईमानदार जीतेन्द्र तोमर को सजा सुना दी । वह ना कहता था "सब मिले हुए हैं जी" । देखने में तो ऐसा ही लग रहा है जी । 

अब उन्होंने अपने ही एक मंत्री जो हवाला कारोबार में लिप्त पाए गए बताए को भी "कट्टर ईमानदार" घोषित कर दिया है । मगर प्रवर्तन निदेशालय की हिमाकत तो देखो कि "कट्टर ईमानदारी प्रमाण पत्र धारक मंत्री" को जबरदस्ती पकड़ कर बंद कर दिया । अब ये अलग बात है कि उस कट्टर ईमानदार मंत्री के घर से और उसके परिचितों के घर से लगभग 3 करोड़ रुपए और लगभग 2 किलो सोना और सोने के न जाने कितने सिक्के , बिस्कुट मिले हैं जिनके आधार पर मंत्री को कुल 14 दिनों की हिरासत प्रवर्तन निदेशालय को दे दी गई है । एक कट्टर ईमानदार आदमी गिरगिट लाल और "ईमानदारी प्रमाण पत्र" की ऐसी मानहानि आज तक हमने नहीं देखी है, सखि । इस भयंकर अपराध के लिए न्यायालय को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए  । और,इस सजा का ऐलान भी कट्टर ईमानदार गिरगिट लाल के द्वारा ही किया जाना चाहिए  । 

सखि, एक राज की बात बताऊं । यदि लालू प्रसाद यादव और ओमप्रकाश चौटाला पहले ही ये "ईमानदारी प्रमाण पत्र" ले लेते तो शायद जेल जाने से बच जाते । अब महाराष्ट्र के दोनों मंत्रियों अनिल देशमुख और नवाब मलिक को चाहिए कि वे मिस्टर गिरगिट लाल से "कट्टर ईमानदारी प्रमाण पत्र" ले लें फिर ई डी , सी बी आई वगैरह कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा उनका । वो झारखंड की आई ए एस पूजा सिंघल भी लेने जा रही है "कट्टर ईमानदारी प्रमाण पत्र " । तुम भी ले ही आओ सखि , क्या पता कब काम आ जाए ? 

हरिशंकर गोयल "हरि" 
9.6.22 

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3 Comments

Radhika

09-Mar-2023 12:47 PM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

15-Jun-2022 06:24 PM

बेहतरीन👌👌

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Gunjan Kamal

15-Jun-2022 03:43 PM

शानदार

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